गावैं गुनी गनिका गन्धर्व औ सारद सेस सबै गुण गावैं।
नाम अनन्त गनन्त गनेस जो ब्रह्मा त्रिलोचन पार न पावैं।।
जोगी जती तपसी अरु सिद्ध निरन्तर जाहिं समाधि लगावैं।
ताहिं अहीर की छोहरियाँ छछिया भरि छाछ पे नाच नचावैं।।
गावैं गुनी गनिका गन्धर्व औ सारद सेस सबै गुण गावैं।
नाम अनन्त गनन्त गनेस जो ब्रह्मा त्रिलोचन पार न पावैं।।
जोगी जती तपसी अरु सिद्ध निरन्तर जाहिं समाधि लगावैं।
ताहिं अहीर की छोहरियाँ छछिया भरि छाछ पे नाच नचावैं।।