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गीता मेॅ कहनेॅ छै / बिंदु कुमारी

गीता मेॅ
कृष्ण जी नेॅ
कहलेॅ छै
अर्जुन केॅ
बिना ज्ञानमार्गी बनैलेॅ
चै दुनिया मेॅ
आदमी केॅ सांस ले बोॅ दूभर छै
सभ्यता रोॅ विकासोॅ के
अंतिम चरण तांय
अैतेॅ-अैतेॅ
अटर पच्ची मेॅ चलतें चलतें
लोग विज्ञानोॅ रोॅ शरण मेॅ
चल्लोॅ जाय रहलोॅ छै।
मंगल चन्द्रमा आरो बृहस्पति पर
प्रकासोॅ के गति सेॅ
मतरकि!
धरती पर ठोकर खाय रहलोॅ
एक दोसरां रोॅ जोॅड़ काटी रहलोॅ छै
देश आरो समाजोॅ केॅ बाँटी रहलोॅ छै।
रोज आतंकवादी नेॅ आबी केॅ
रस्ता मेॅ बारूदी सुरंग आरो
मांटी-कांटोॅ झाँपी रहलोॅ छै
आतंकवादी रोॅ बाजार गरम छै
आतंकवादी नेॅ नया रुख अपनैलेॅ जाय रहलोॅ छै।
गुप्तचर सेॅ लैकेॅ
प्रशासनिक अधिकारी तांय
नै लजाय रहलोॅ छै
हेकरा रोकै लेली
अर्जुन बनै लेॅ पड़तै।