Last modified on 27 मई 2016, at 03:23

गुनी ओझा हेमन्त / ऋतुरंग / अमरेन्द्र

गुनी ओझा हेमन्त।
भीतर सें रसिया छै, ऊपरी सें सन्त
गुनी ओझा हेमन्त।

हरका रंग चादर रंगैलोॅ हरनामी
मटरोॅ के माला छै गल्ला में दामी
बूटोॅ के लेलेॅ सुमरनी महन्त
गुनी ओझा हेमन्त।

रस के रंग भरी केॅ केतारी पिचकारी
रंग दै लेॅ छड़पै लेॅ चाहै छै आरी
रोकीकेॅ राखलेॅ छै एकपैरियां पन्थ
गुनी ओझा हेमन्त।

हमरा तेॅ गेहूँ ई लागै छै काँटोॅ
सोना के देहोॅ पर बोढ़नी के झाँटोॅ
कटियो टा छै हमरोॅ बालम केॅ तन्त
गुनी ओझा हेमन्त।

केकरोॅ मन केन्होॅ, की राखै छै मन में
हम्में तेॅ जेठे रङ जरलौं अगहन में
संगे संग रीतुओॅ के जिनगी चलन्त
गुनी ओझा हेमन्त।