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गुरिल्ला / अनिल जनविजय

तुम्हारे खेत उनके पास हैं
चुप रहो
तुम्हारे खेत जोते जा रहे हैं
जोतने दो
उनमें बीज डाले जा रहे हैं
डालने दो
अंकुर फूट गए हैं
देखते रहो
फ़सल बढ़ रही है
इन्तज़ार करो
फ़सल पक गई है
हथियार तेज़ करो
फ़सल कट रही है
तैयार हो जाओ
फ़सल गाड़ी पर लाद दी गई है
कूद पड़ो, वार करो
उनकी लाशें बिछा दो
यह फ़सल तुम्हारी है
तुम्हारे खेत की
अब ये खेत भी तुम्हारे हैं ।