सत गुरु रामानन्द, चन्द पूरन परकासो। सुजस सुरसुरानन्द, वैइलियानन्छ विलासो॥
सुकृत सिउरिपानन्द, चेतनानछ चेताओ। विरुद विहारी राम, दास मसनंद कहाओ॥
विमल विनोदानन्द प्रभु, दरश परस पातक गओ।
धरनीदास प्रकाश उर, गुरु परनाली गहि लओ॥9॥
सत गुरु रामानन्द, चन्द पूरन परकासो। सुजस सुरसुरानन्द, वैइलियानन्छ विलासो॥
सुकृत सिउरिपानन्द, चेतनानछ चेताओ। विरुद विहारी राम, दास मसनंद कहाओ॥
विमल विनोदानन्द प्रभु, दरश परस पातक गओ।
धरनीदास प्रकाश उर, गुरु परनाली गहि लओ॥9॥