छुट्टी हुई खेल की,
चढ़ी कढ़ाही तेल की।
सुर-सुर उठता बुलबुला,
छुन-छुन सिकता गुलगुला।
भुलभुला और पुलपुला,
मीठा-मीठा गुलगुला।
छुट्टी हुई खेल की,
चढ़ी कढ़ाही तेल की।
सुर-सुर उठता बुलबुला,
छुन-छुन सिकता गुलगुला।
भुलभुला और पुलपुला,
मीठा-मीठा गुलगुला।