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गुलदान / मुइसेर येनिया

वक़्त ठहरा हुआ है, वहाँ
किसी ठोस गुलदान की तरह

दिल बुहार रहा है टूटे हुए टुकड़े
पैरों के नीचे

बहुत मुश्किल है समझना
आत्मा की पशोपेश
और यह दुनिया
यह व्यवस्था

हमारे अन्दर की ऊब
मृत्यु को बढ़ा रही है

एक सीरियाई लड़का बह कर
आ चुका है किनारों तक
इस शहर में लोग
बन्दूक की गोलियाँ खाकर जिन्दा हैं

मैं पुकार रही हूँ अपनी आत्मा को
कहीं कोई आवाज़ नहीं।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणिमोहन मेहता’