ऊँचे पहाड़ों में गुम होती पगडंडी पर
खड़ा हुआ नन्हा चरवाहा
बकरी के बच्चे को फिसलते देख के
कुछ इस तरह हँसा है
वादी की हर दर्ज़<ref>दरार</ref> से झरने फूट रहे हैं
शब्दार्थ
<references/>