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गूँज करता हुआ / नंदकिशोर आचार्य


फूटती है पहाड़ों से उफन
टकराती, शिलाएँ बहा ले जाती
नही है आवेग जल का-
खुद में सभी कुछ को
भींच लेने
छटपटाता, बिफरता आवेग
चट्टान को जल
और मुझ को गूँज करता हुआ .....

(1980)