सम्मान शिखर में निहित था
मैं जड़ों में खोजता रहा
शिखर तक पहुँचने का रास्ता
जो छद्मरूप से विद्यमान था
चक्रव्यूह की तरह, परन्तु
मैं द्रोण प्रदर्शित
अर्जुन नहीं था।
सम्मान शिखर में निहित था
मैं जड़ों में खोजता रहा
शिखर तक पहुँचने का रास्ता
जो छद्मरूप से विद्यमान था
चक्रव्यूह की तरह, परन्तु
मैं द्रोण प्रदर्शित
अर्जुन नहीं था।