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गोरसी के आगी / रामविलास सोनकर

बड़ा नीक लागर हाए, गोरसी के आगी

जाड़ ठुन ठुननावत हे, लाहो खूब लेवत हे
हाथ जोड़ जुड़ावट हे, दांत हर कट कटावत हे
रुंवा घुरघुरावत हे, मन चैन नहीं पावत हे
गोरसी के आगी से हमर भाग जागी
बड़ा नीक लागत हे गोरसी के आगी

अईसे पोटारेंव एला जैसे मेहरिया ला
अइसे नोटरेंव जैसे नगर के हरिया ला
अइसे अगोरेंव जैसे अवय्या संगवारी ला
गोरसी के आगी मां हमर लगन लागी
बड़ा नीक लागत हे गोरसी के आगी

एक ठीन है गोरसी तपैया हवय चार
जड़काला दुश्मन ला आगे अजार
गोरसी के आगी तोर लिल्ला अपार
गोरसी के आगी अंग अंग में लागी
बड़ा नीक लागत हे गोरसी के आगी

ऊपर मां भूसा तेखर नीचे मां अंगरा
पंछा ल ओढ़के ऐसा तापत हे नंगरा
जुड़ाय चदरा ला कर देथे भोंगरा
गोरसी के आगी गरीबहा के संगी
बड़ा नीक लागत है गोरसी के आगी

गोरसी के खरसी मां हवय सब मंतर
गोरसी के राख़ मां भराथे सब जंतर
गरीबहा अउ गौटि या करथे ये अंतर
गोरसी के आगी से सारी भूत भागी
बड़ा नीक लागत हे गोरसी के आगी