भादऽ महीना के पिछड़ऽ डगरिया।
गोरिया हे चलऽ सम्हरि डगरिया॥
सम्हरि डगरिया चलऽ सम्हरि डगरिया, चलऽ सम्हरि डगरिया
गोरिया हे नैं त’ फुटथौं गगरिया॥
गोरऽ-गोरऽ गर्दन पर कारऽ-कारऽ बाल छौं,
फगुवा के पुवऽ रं फुललऽ गाल छौं,
गालऽ पर कटि-टा के खद्धो शोभै छौं,
दात चमकै छौं जेना सांवनऽ के बिजुरिया॥गोरिया.॥
कानऽ मंे कुण्डल शोभौं माथा पर टिक्का,
तोरा समना में चन्दो छौं फिक्का,
ठोरऽ बगलऽ में तिलबा शोभै छौं,
पनसोखा रं तोरऽ लचलऽ कमरिया॥ गोरिया.॥
माथा पे नेठुवा होकरा पे गगरी,
जायक इनरबा पे बान्धलकी फसरी,
डुबुक-डुबुक डुब-डुब धैलऽ डुबैलकी,
निर्मल पानी सें भरलौं गगरिया॥गोरिया.॥
पानी भरी गोरी चलली डगरिया,
रुन-झुन पायल बाजै बरसै छै बुन्दिया,
रहि-रहि छप-छप-छप घैलऽ छलकै छै,
भींजी गेलै गोरी के पातरऽ चुनरिया॥गोरिया.॥