गौरी को
कभी घर नहीं मिलता मां
मिलता है मन्दिर
या समन्दर
इस सपने को
मत बसाओ
आंखों में।
अनुवाद:- कुन्दन माली
गौरी को
कभी घर नहीं मिलता मां
मिलता है मन्दिर
या समन्दर
इस सपने को
मत बसाओ
आंखों में।
अनुवाद:- कुन्दन माली