घंटाघर की चार घड़ी,
एक दिखाई नहीं पड़ी!
भुल्लू भाई यों बोले-
'हम तो सारे दिन डोले,
जब देखा, तब तीन रहीं,
एक घड़ी खो गई कहीं!'
दादा बोले- 'रुको जरा,
है इसमें कुछ भेद भरा!
तुमने यह बात जो कही,
लगती उतनी नहीं सही।
मगर, तुम्हें समझाए कौन?
घड़ी ढूँढ़कर लाए कौन?'