हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घन गजरत आवै सोहाग बिरवा
घन उमड़त आवै सोहाग बिरवा
ओ के बाबा के अंगना सोहाग बिरवा
ओ के बाबल के अगना सोहाग बिरवा
ओ की दादी रानी सींचै भर गडुवा
ओ की अम्मा रानी सींचै भर गडुवा
घन गजरत आवै सोहाग बिरवा
घन उमड़त आवै सोहाग बिरवा
ओ के बाबा के अंगना सोहाग बिरवा
ओ के बाबल के अगना सोहाग बिरवा
ओ की दादी रानी सींचै भर गडुवा
ओ की अम्मा रानी सींचै भर गडुवा