गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 24 जनवरी 2010, at 00:03
घरौंदा / रंजना जायसवाल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रंजना जायसवाल
»
मछलियाँ देखती हैं सपने
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
फिर
बना रही हूँ
घरौंदा
टूट गए
घरौंदों को भूलकर
जीना चाहती हूँ
मैं...।