न पुत्र हूँ मैं
न पुत्री
एक पेड़ हूँ केवल
ईश्वर के घनत्व से उपजा.
सिंधु घाटी के जल से विचारित
तद्भव और तत्सम शब्दों की लिपि
एकमात्र घर है मेरा.
न पुत्र हूँ मैं
न पुत्री
एक पेड़ हूँ केवल
ईश्वर के घनत्व से उपजा.
सिंधु घाटी के जल से विचारित
तद्भव और तत्सम शब्दों की लिपि
एकमात्र घर है मेरा.