Last modified on 15 जनवरी 2009, at 11:35

घर -१ / नवनीत शर्मा

 

भेजते रहना

पिछवाड़े वाले हरसिंगार जितनी हँसी

घराल के साथ वाले अमरूद की चमक

दुनिया चाहती है तरह-तरह के सवाल रखना

शरारतों के बाद

मेरे छुपने के ठिकानों

अपना ख्‍याल रखना.