दृश्यों के अंतराल में
जीवन बिला गया
संशय के दंश से
साहस तिलमिला गया
प्यार पर हारा नहीं
अमल विनय से
घास-फूल धैर्य का
चुपके खिला गया!
इलाहाबाद, 23 फरवरी, 1950
दृश्यों के अंतराल में
जीवन बिला गया
संशय के दंश से
साहस तिलमिला गया
प्यार पर हारा नहीं
अमल विनय से
घास-फूल धैर्य का
चुपके खिला गया!
इलाहाबाद, 23 फरवरी, 1950