घेर कर आकाश उनको पर दिए होंगे
राहतों पर दस्तख़त यों कर दिए होंगे
तोंद के गोदाम कर लबरेज़ पहले
वायदों से पेट खाली भर दिए होंगे
सिल्क खादी और आज़ादी पहनकर
कुछ बुतों को चीथड़े सी कर दिए होंगे
हों न बदसूरत कहीं बँगले-बगीचे
बेघरों को जंगलों में घर दिए होंगे
प्रश्नचिह्नों पर उलट सारी दवातें
जो गए-बीते वो संवत्सर दिए होंगे
गोलियाँ खाने की सच्ची सीख देकर
फिर तरक्क़ी के नए अवसर दिए होंगे