सखि हे, चलोॅ नी-चलोॅ नी,
देाी ऐबै, घोरघट-मेलबा हे
सखि हे चलोॅ नी जल्दी,
घूरी ऐबै, घोरघट-मेलबा हे,
सखि हे....
गान्धी बाबा ने याँहीं, चरण रखलकै
भगबै ली, अंगरेजोॅ केॅ, परन ठनलकै
सखी हे, चलोॅ नी घूरी,
देखी ऐबै, लाठी रोॅ खेलबा हे
सखि हे...
यहै घोरघट नें देलकै, दुनिया केॅ लाठी
अपनोॅ बिहारोॅ केॅ ई, कत्ते निक्कोॅ माटी
सखि हे, देखोॅ-देखोॅ
कत्ते सुन्दर, सजलोॅ ठेलबा हे
सखि हे....
लाठी-महोत्सव में छै, हमरोॅ बोढ़न बाबा
देशोॅ की विदेशोॅ में छै, घोरघट रोॅ हाबा
सखि हे, बोढ़न बाबा,
गाम हमरोॅ, बापू रोॅ चेलबा हे
सखि हे....
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द्रष्टव्य- ‘लाठी महोत्सव’ दिनांक 24.11.2012 के घोरघट मेॅ आरो आकाशवाणी, भागलपुर द्वारा टाउन हॉल मुंगेर में आयोजित ‘लाठी महोत्सव’ दिनांक 25.11.2014 के कार्यक्रमों में लाठी गीत सें आरंभ आरो घोरघट लाठी-गीत सें अंत करलों गेलै। गायक छेलात आकाशवाणी के गायक कलाकार बलवीर सिंह ‘बग्घा’।
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