चंदा मामा बड़े सयाने
कहाँ चले तुम जाते हो
कहीं पेड़ पर किसी के छत पर
कभी गगन में रहते हो।
कभी छूटे कभी बड़े
अपना रूप बदलते हो
तुम्हें पकड़ने बच्चे दौड़े
लेकिन हाथ ना आते हो।
हमें बुला लो हम भी देखें
कितने हो छिपने में तेज
पकड़ नहीं पाओगे हमको
हम दौड़ेंगे तुम से तेज।
चंदा मामा बड़े सयाने
कहाँ चले तुम जाते हो
कहीं पेड़ पर किसी के छत पर
कभी गगन में रहते हो।