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चंदा मामा दूर के / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

चंदा मामा आये हैं
निंदिया को संग लाये हैं
शीतल किरणें लाये हैं
हंसते-हंसते आये हैं
सो जा सो जा सो जा रे

नभ में फ़ेल गई उजियारी।
चंदा कि यह संगिनी प्यारी
चंदा मामा दूर के
हमको देखेँ घूर के
सो जा सो जा सो जा रे।

मामी कहाँ गई है बोलो
अपनी चांदी को तुम तोलो
थोड़ी-सी तुझको भी देंगे
निंदिया के घर द्वार सजेंगे
सो जा सो जा सो जा रे।