गरमी में जब मिलीं छुट्टियाँ
डेढ़ माह की पूरी,
चूहे जी तब बड़ी शान से
पहुँच गए मंसूरी।
‘माल रोड’ पर हुई अचानक
मौसी जी से टक्कर,
गिरकर वे बेहोश हो गए,
आया ऐसा चक्कर।
[धर्मयुग, 11 मई 1975]
गरमी में जब मिलीं छुट्टियाँ
डेढ़ माह की पूरी,
चूहे जी तब बड़ी शान से
पहुँच गए मंसूरी।
‘माल रोड’ पर हुई अचानक
मौसी जी से टक्कर,
गिरकर वे बेहोश हो गए,
आया ऐसा चक्कर।
[धर्मयुग, 11 मई 1975]