चक्की,
टनों गेहूँ चबानें के बाद भी,
मोटी नहीं होती,
बल्कि, घिस जाते हैं दाँत ही उसके।
मोटा होता है,
उसके पीसे पर जलन काटनें वाला
और भूँखों मरता है,
उसके दाँत सुधारने वाला।
चक्की,
टनों गेहूँ चबानें के बाद भी,
मोटी नहीं होती,
बल्कि, घिस जाते हैं दाँत ही उसके।
मोटा होता है,
उसके पीसे पर जलन काटनें वाला
और भूँखों मरता है,
उसके दाँत सुधारने वाला।