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चढ़ल चैत उत्पाती रामा / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चढ़ल चैत उत्पाती रामा
थीर ने छाती
वृन्दावन केर कुंजगलिन मे
कलिया सजि धजि जात हो रामा
थीर ने छाती
हम विरहिनि विरह केर मातलि
हरि संग मिलैत ने लजाइ हो रामा
थीर ने छाती
हरिजी संग रंग नित चाहथि
पावन सुख सभ भांति हो रामा
थीर ने छाती
नीरस सरस सुअवसर सुन्दर
हर्ष राति सुखराती हो रामा
थीर ने छाती
चढ़ल चैत उत्पाती हो रामा
थीर ने छाती