आइए बाबू
स्वागत है आपका मुजफ्फरपुर के
इस लालबत्ती इलाके में
चुनिए इनमें से बेहिचक
जिस किसी को भी चुन सकते हैं आप
किसी को कर्ज में डूबा बाप बेच गया
किसी को पति किसी को प्रेमी किसी को चाचा
सब की सब माल एकदम चोखा है बाबू
भूख, गरीबी, जलालात, दंगा, फसाद, बलात्कार
यहां हर चीज की शिकार लड़कियां
मिल जाएंगी आपको
सीवान से सीतामढ़ी तक
सोनागाछी से नेपाल तक
कहीं का भी माल चुन सकते हैं आप
अहं, घबराइए नहीं, चुनिए चुनिए
दाम की फिक्र मत कीजिए
कम बेसी तो हो ही जाएगा
और फिर आप तो हमारे नए ग्राहक हैं
अरे ना ना... शरमाइए नहीं
यहां दस बरस के लौंडे से लेकर
अस्सी बरस के बुड्ढे भी आते हैं
आप तो नाहक डर रहे हैं, एकदम डरिए मत
यहां संतरी से लेकर मंतरी तक सब आते हैं
आइए आपको एकदम आपके लायक
एकदम टटका माल दिखाता हूं
ये देखिए, हफ्ता भर पहले ही आई है
बेच गया है नौकरी का झांसा देकर कोई साला
ये देख रहे हैं न 3 गुणा 4 की घुप्प कोठरी
इसे टार्चर चैंबर कहते हैं
लात-घूसों से जो नहीं मानती साली
उसे इसी टार्चर चैंबर में रखा जाता है
भूखे-प्यासे चार-पांच दिनों तक
कभी-कभी तो चार पांच एक साथ
ऐ उट्ठ ! साहब को सलाम कर
और ये देखिए, उससे भी कमसुन कम उम्र
इसकी तो माहवारी भी नहीं फूटी अभी...
क्या कीजिएगा बाबू
गोश्त का धंधा ही कुछ ऐसा है
औरत का हो या खस्सी-मुर्गे का
जैसे गोश्त बढ़ाने के लिए
मुर्गे-बकरियों को खिलाया जाता है
वैसे हम भी खिलाते हैं इन्हें बेनाट्रेडिन
एकदम मरियल आयी थी लेकिन
देखिए महीने भर में ही दनदनाकर जवान हो गई है साली
बाबू मैं तो कहता हूं
आप इसे ही आजमाइए
वैसे आप तो शादीशुदा नहीं लगते
और हों, तो भी क्या फर्क पड़ता है
एकदम निश्चिंत रहिए
आपके बीवी-बच्चों को एकदम पता नहीं चलेगा
अरे नीति-वीति की बात छोड़िए
जाइए खेलिए खाइए
वैसे अब तो इस धंधे को भी काम का दर्जा दिए जाने का हल्ला है
अरे बाप रे बाप, बहुते देर हो गया
जाइए जल्दी निबटाइए, औरो ग्राहक है
और हां, पुलिसुया वर्दी देख के
एकदम चौंकिएगा मत
कमबख्त ङप्ता वसूलने आ जाया करती है
लौटते बखत भी एकदम घबड़ाइएगा मत
यहां एकदम अंधेरा ही अंधेरा रहता है
हमेशा चारों तरफ
पता नहीं कौन सिरफिरा
हमारा नाम रख दिया है
उजाला नगर