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चन्दा देश पिया के जा / भर्तृहरि

चन्दा देश पिया के जा।

साजन हमरे भूले हमको, उन्हें मना कर ला।

सुन्दर मनहर रुत है सुहाई, मधुबन में क्यों बिरहन बनाई?

इतनी सुना कर आ।। चन्दा देश...

सांझ भये मैं दीप-सी जलती, रात-रात भर ओस-सी ढलती।

जाके याद दिला।। चन्दा देश...