भागता
चला गया
भयंकर
भीमकाय
अँधेरा
रात पर डाले जा रहा था जो डेरा
खुलती
चली गई
रंगीन
अक्षितिज
हर्षित दिखी
धैर्य की धरती
नाम और रूप से परिचित
प्रकाशित सुबह
चेतन
चमके छवि के चेतन।
रचनाकाल: १२-११-१९७०, रात १० बजे
भागता
चला गया
भयंकर
भीमकाय
अँधेरा
रात पर डाले जा रहा था जो डेरा
खुलती
चली गई
रंगीन
अक्षितिज
हर्षित दिखी
धैर्य की धरती
नाम और रूप से परिचित
प्रकाशित सुबह
चेतन
चमके छवि के चेतन।
रचनाकाल: १२-११-१९७०, रात १० बजे