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चरणसिंह की जनता पार्टी / केदारनाथ अग्रवाल

चरणसिंह की जनता पार्टी
गरज रही है
वैसे जैसे
महाकाश में गरज रहे हैं
बिन पानी के मेघ
सत्य शील से विमुख विशेष
झूठी आशा के फैलाए केश।

रचनाकाल: २८-०२-१९७७