जो सोता है
उसका दिमाग सोता है
जो जागता है, उसका दिमाग़ जागता है
ऊँगते हुए शरीर का मन भी ऊँघता है
और चलेत हुए शरीर का मन भी
जिसका तन यात्रा करता है बस या रेल में
और पहुँचता है किसी मंजिल तक
उसका मन यात्रा करता है
चिन्तन और मनन में
और पहुँचता है किसी निष्कर्ष तक
तन और मन का वही संबंध है
जो पहियों और गाड़ी का है
इसलिए मन-मस्तिष्क को गतिशील रक्खो
चलते चलो, चलते चलो।