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चलोॅ साक्षरता धाम सजनी / ब्रह्मदेव कुमार

पुराय केॅ सब्भेॅ काम सजनी
मनोॅ सेॅ पढ़ै-लिखै में
खुश होतौं तोरोॅ मन सजनी।
जरा पढ़िहोॅ, थोड़ोॅ लिखियोॅ, ढेर सीखियोॅ
सुनोॅ धनी हे, बनतौं तोरोॅ जिनगी॥

सजनी- ई की करै छोॅ बात सजना
सुनी केॅ लागै लाज सजना
पढ़ै-लिखै रोॅ छेकै नुनुमुनियां के
हम्मेॅ की पढ़भै आबेॅ सजना।
केना पढ़भै, केना लिखबै, केना सीखबै
बोलोॅ राजा जी, भावै नै सजना॥

साजन- लाजाॅ रोॅ नै कोय बात सजनी
अनपढ़ रहबोॅ छेकै पाप सजनी
निरक्षरता के दाग मिटतै
मानोॅ तोंय हमरोॅ बात सजनी।
लाज छोड़ोॅ, आगू बढ़ोॅ, लिखोॅ-पढ़ोॅ
सुनोॅ धनी हे, बनतौं तोरोॅ जिनगी॥



सजनी- घरोॅ में ढेरी छै काम सजना
तनिकोॅ नै मिलै आराम सजना
सासोॅ बोलतै, ननदोॅ गोसैतै
केना केॅ जैबै सजना।
एगो नुनु,, एगो सुग्गा, एगो मैनी
जे छै गोदी में, कानतै जे एंगना॥

साजन- मैयो केॅ छै स्वीकार सजनी
ननदी केॅ दिहोॅ थोड़ोॅ प्यार सजनी
दुनोॅ मिली जैहियोॅ पढ़ै लेॅ
हम्मेॅ खेलैभौं तोरोॅ नुनुवां।
एगो नुनु, एगो सुग्गा, एगो मैनी
छै जे गोदी में, हम्में राखभौं सजनी॥

सजनी- जिया में लागै तोरोॅ बात सजना
लाजोॅ सेॅ बोलै छी झात सजना
आजू सेॅ जैबै पढ़ै-लिखै लेॅ
पुरतै मनोॅ के सपना।
हम्हूँ पढ़बै, हम्हूँ लिखबै, हम्हूँ सीखबै
सुनोॅ राजा जी, साक्षरता अभियान मेॅ॥
जैबै साक्षरता धाम सजना॥