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चलो ! / मनोज छाबड़ा

चलो!
आज कुछ ऐसा करें
मुस्कुराने की बजाय
आँसू पोंछ लें अपने पिछले सारे
नयी पुस्तक ख़रीदने से पहले
पढ़ डालें सारी पुरानी क़िताबें
बच्चों को डाँटते हुए
रुक जाएँ अचानक
और
खेलने लगें उनके खेल
वैसे ही करें शरारतें
थोड़ा माँ को सताएँ
पिता से डाँट खाएँ
बाहर जाने से पहले
घर में रमें
(चाहे कुछ देर के लिए ही सही)
 
चलो!
पिछले सारे खाते ठीक करें
नयी डायरी शुरू करने से पहले