Last modified on 21 अक्टूबर 2016, at 03:53

चलो मनाएँ दीवाली / सपना मांगलिक

रूठा मटकी भुला चलो
मनाएँ मिलजुल दीवाली
जलें दीप खुशियों के दिल में
बरसे न किसी आँख से पानी
कूड़ा कचरा चलो दूर हटायें
रंग रोगन कर घर को सजायें
नए नए माँ पकवान बनाती
देख जिन्हें जीभ ललचाती
देहरी आँगन रंगोली सुहानी
बनाए जतन से मुनिया रानी
पापा लाये लक्ष्मी जी गणेश
कृपा से जिनकी मिटे क्लेश
सुनते सब फिर राम की कहानी
असत्य पे सत्य की विजय वाली