Last modified on 28 सितम्बर 2011, at 04:00

चाँद / राजेन्द्र जोशी

मंहगाई
किसको है दुलारी
कौन बढ़ाता है मंहगाई ?
क्या धन के लोभी
बढ़ाते है मंहगाई
तो फिर क्या चाँद भी
मंहगा होगा
क्योकि अब चाँद पर भी
धनवानों की
नजर जो चली गई
अब मॉंेग बढ़ रही है
हर किसी को चाहिए
चाँद का टुकड़ा
चाँद की चॉंदनी