Last modified on 7 मई 2019, at 03:17

चाँद के टीले पर / मार्गस लैटिक

चाँद के टीले पर
और अखरोटों की फुनगियों पर...
गिरते हैं तारे...
और गुदते हैं संदेशे...
ठंड के सलवटों पे

देखो...
खुले हैं तुम्हारे हाथ
जीवन के गुजरते
लम्हों को रंगते...
और निर्धारित राहों के
मुड़े हुए कदम को !

जवानी को पहाड़...
रवानी को नदियाँ
और
हौसले को चीटियाँ...

जिसे भी हो चाहत
लेकर दुनिया चलने की
जरूरी है की अपना दिल
भी वो साथ में ले ले

अँग्रेज़ी से अनुवाद : गौतम वसिष्ठ