चाँद सलोना, चाँद सलोना,
नटखट-सा नन्हा मृगछौना।
दौड़ रहा मन की मस्ती में,
अंबर की उजली बस्ती में।
कभी बादलों में छिप जाता,
कभी उछलकर बाहर आता।
एक रात में ही यह चलकर-
चाँद सलोना, चाँद सलोना,
नटखट-सा नन्हा मृगछौना।
दौड़ रहा मन की मस्ती में,
अंबर की उजली बस्ती में।
कभी बादलों में छिप जाता,
कभी उछलकर बाहर आता।
एक रात में ही यह चलकर-