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चांद : दो चितराम / नीरज दइया

चांद : आरसी

म्हैं देखूंला-
थनै आखी रात
अर थूं जोवैला
आखी रात म्हनै

आव, आभै मांय ढूंढां-
आरसी।


चांद : चौकीदार

जागै है-
पखवाड़ै-पखवाड़ै चांद
अर गैळीजै पछै-
कोर-कोर
पखवाड़ै-पखवाड़ै।