तैरते हैं पत्ते
हौज़ में
अस्ल उन की ढूँढती है
थाह
चाँद की नर्म पीली रोशनी में
कंवल जाने कब खिलेगा
तैरते हैं पत्ते
हौज़ में
अस्ल उन की ढूँढती है
थाह
चाँद की नर्म पीली रोशनी में
कंवल जाने कब खिलेगा