राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आज म्हारो बादलियो राण्या करो सिणगार। पूत सूरज जी रा बीरा बाई सोदरा का।
थांका ही बरज्या सायब बिना रहवा। आज म्हारो मादलियो राण्यां करो सिणगार।
पूत भंवरलाल सा का बीर बाई नणदल का। पूत... ज्यां का बीरा बाई... का
नोट- इसी प्रकार सब परिवार के सदस्यों के नाम लें।