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चाय के प्याले में / राजकमल चौधरी

दुख करने का असली कारण है : पैसा
— पहले से कम चीजें ख़रीदता है ।

कश्मीरी सेव दिल के मरीज़ को चाहिए
तो क्या हुआ ? परिश्रम अब पहले से कम
पैसे ख़रीदता है । हम सबके लिए काम
इतना ही बचा है कि सुबह वक़्त पर शेव
कर सकें । शाम को घर में चाय, और
पड़ोसिनों के बारे में घरेलू कहानियाँ,
हज़ार छोटे दंगे-फ़साद होते हैं, इतिहास
और आर्थिक सभ्यता को उजागर करने
के लिए — एक बड़ी लड़ाई नहीं होती ।

आदमी केले ख़रीदने में व्यस्त रहता है,
(और) बीते हुए, और नहीं बीते हुए
के बीच कड़ी बनकर एक छोटी-सी
मक्खी पड़ी रहती है, चाय के अधख़ाली
प्याले में !