चाय बनानी है-
अजी, आज तो बढ़िया-बढ़िया
चाय बनानी है!
बढ़िया-बढ़िया
चाय बनाकर,
सारे घर में हँसी-खुशी की
लहर उठानी है!
चाय बनानी है,
अजी, आज तो चाय बनानी है।
कल बोली थी मम्मी-
सोनू, तू तो निरा निकम्मा,
सभी काम करते हैं
तू बस गाता झम्मा-झम्मा।
मैं बोला-मम्मी जी, अच्छा
चाय बनाऊँगा,
बढ़िया-बढ़िया चाय बनाकर
सबकी तबीयत लहराऊँगा!
ठान लिया है अजी, आज तो
चाय बनानी है,
जैसी कोई बना न पाया,
ऐसी चाय बनानी है!
सीख लिया है ढंग
अजी, इसमें क्या रक्खा है?
थोड़ा पानी डाल,
उसे फिर खूब उबालेंगे,
उसमें तुलसी पत्ती
या फिर अदरक डालेंगे,
नाप-नापकर चीनी फिर
पत्ती डालो जी,
आखिर में थोड़ा दूध और फिर
खूब उबालो जी!
थोड़ी देर रखी ढक करके
लो, अब छानी है।
है तैयार-सजाकर ट्रे में
अब ले जानी है,
हँस-हँस सबको चाय पिलानी है!
पूरे घर को हँसी-खुशी की
चाय पिलानी है।