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चार्वाक का यही है कहना / रणजीत

जब तक जीओ, सुख से जी लो
ॠण लेकर मीठा रस पी लो।
स्वस्थ रहो, नीरोग रहो
करते सारे भोग रहो।
मरने तक ही यह जीवन है
पुनर्जन्म तो निरा वहम है।
इसे अर्थ दो, मूल्य मान दो
स्वर्ग-नरक हैं यहीं जान लो।
औरों को भी सुविधा-सुख दो
तुक-विहीन जीवन को तुक दो।
सबको अपने जैसा जानो
पृथ्वी पर सबका हक़ मानो।
चार्वाक का यही है कहना
जब तक रहना खुश-खुश रहना।