चाहे सुनो शास्त्रीय संगीत
या करो शोक
वह आत्मा ही सब चीज़ों में नहीं
जो धड़कती थी पवित्रता में
और
ज़िन्दगी को जीने लायक बना सकती
चाहे सुनो शास्त्रीय संगीत
या करो शोक
वह आत्मा ही सब चीज़ों में नहीं
जो धड़कती थी पवित्रता में
और
ज़िन्दगी को जीने लायक बना सकती