Last modified on 28 मई 2014, at 22:59

चिड़िया का वादा / राजेन्द्र गौतम

चिड़िया का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

वर्षों से आले में पुरे जाले
गीत-ग़ज़ल-क़िस्सों पर
जंग लगे ताले

बुलबुल का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

बौराए आमों-से
सपनों पर पहरा
क़ाफ़िला ख़ुशबुओं का
दूर कहीं ठहरा

कोयल का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

बादल की बारातें
आईं थीं, निकल गईं
पथराई झीलों से
वर्षाएँ विफल हुईं

सारस का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी