चिड़िया को देखना
ख़ुद को देखना है
जैसे
देखती है
वह
फूल
पत्ती
दूब
धूप
उड़ती है जंगल में
जंगल होकर
नदी पर
नदी-सी बहती है
चिड़िया को देखना
ख़ुद को देखना है
जैसे
देखती है
वह
फूल
पत्ती
दूब
धूप
उड़ती है जंगल में
जंगल होकर
नदी पर
नदी-सी बहती है