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चिड़िया गौरइया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

चिड़िया मेरे पास बैठकर
मुझसे बातें कर लो तुम
'चीचीं चीचीं' की बोली में
क्या कहती रहती हो तुम
प्यासी हो या भूखी हो तुम
मैं कैसे जानूँगी बोलो
प्यारी चिड़िया ओ गौरइया
मुझ से बोलो कुछ तो बोलो
मुझ में अपने पंख लगा दो
तो भी ऊपर उड़ जाऊँ मैं
घूमघाम कर जो तुम मांगो
लाकर वही खिलाऊँ मैं
तुम आती तो मैं खुश होती
पर तुम चली कहाँ जाती हो
खो मत जाना गौरइया तुम
हमें बहुत तुम भाती हो