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चिड़ियों का सुख / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

हुआ प्रात लो चिड़ियाँ चहकी
इनकी जुड़ी बरात
आज वर्ष का पहला दिन है
आया नया प्रभात
पूछ रही आपस में ये सब
कहाँ आज क्या पाया
सब कहते हैं आज आ गया
नया वर्ष लो आया, आया
हमें चाहिए मिल जायें बस
खाने को कुछ ही दानें
हरे वृक्ष की डाल चाहिए
गाँएँ मिल कर मीठे गाने
और हमे क्या, आता रहता
नया वर्ष हम क्या जाने
छोटी-सी दुनियाँ है अपनी
इसमें ही अपना सुख मानें