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चींटियाँ / ध्रुव शुक्ल

चींटियाँ
धरती की मिठास बचाने के लिए
शक्कर खोज रही हैं
हज़ारों घर बनाकर
दूर-दूर तक बाहर जातीं
घूम-घूमकर
खोज रहीं शक्कर के दाने
एक-एक दाना बटोरकर
शक्कर ले जाने को तत्पर
छिद्रों में वे रखती रहतीं
ऎसा वे प्रतिदिन करती हैं