Last modified on 7 सितम्बर 2010, at 17:39

चीशें की पूं / रित्सुको कवाबाता

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: रित्सुको कवाबाता  » चीशें की पूं

चीशें बच्ची है दो साल की
चेहरा गोल जैसे कि - चाँद ,
आँखों में कौतूहल !
रविवार के भोजन के बाद का मौन
टूटता है अकस्मात
'पूं....."
मैंने नहीं किया कहती है बहन
हर बड़ा दबाता है अपनी हसीं
चीशें कि गोल आँखे पूछती हैं
सब क्यूँ हंस रहे हैं ?

अनुवादक: मंजुला सक्सेना